युवाओं को क्यों आ रहे सबसे ज्यादा Heart attack, रीवा सुपर स्पेशलियटी के चिकित्सक से जानिए कारण और इलाज

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युवाओं को क्यों आ रहे सबसे ज्यादा Heart attack, रीवा सुपर स्पेशलियटी के चिकित्सक से जानिए कारण और इलाज

युवाओं को क्यों आ रहे सबसे ज्यादा Heart attack, रीवा सुपर स्पेशलियटी के चिकित्सक से जानिए कारण और इलाज

Why are young people getting the most heart attacks : आपने कभी न कभी देखा, पढ़ा या सुना जरूर होगा कि 23-24 साल का युवक जो कि शारीरिक रूप से फिट था अचानक उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई। जबकि युवक को पहले न तो किसी प्रकार की हेल्थ प्राब्लम थी और कोई परेशानी। इस वाकये के बाद आप इस सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा कि युवक को हार्ट अटैक आ गया। पिछले कुछ वर्षो में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें अचानक से किसी युवक को हार्ट अटैक आया और उसकी जान चली गई।

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आज हम इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि युवाओं में अचानक से हार्ट अटैक (Heart Attack) आने का आखिर कारण क्या होता है। इस बारे में हमने रीवा स्थित सुपर स्पेशलियटी हॉस्पिटल में पदस्थ कार्डियोलॉजिस्ट हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एसके त्रिपाठी (rewa super speciality dr. S.K. Tripathi) से चर्चा की। इनके द्वारा युवाओं में हार्ट अटैक होने के कारणों और इसके उपचार के बारे में विस्तार से बताया गया।

स्ट्रेस (Stress)

आज के युवाओं में हार्ट अटैक (Heart Attack)का एक प्रमुख कारण स्ट्रेस होता है। कई युवा काफी समय से किसी न किसी बात को लेकर तनाव में रहते हैं। युवाओं में तनाव का कारण जॉब, फैमिली प्राब्लम, लव लाइफ कुछ भी हो सकता है। युवा इन समस्याओं को लेकर काफी समय से स्ट्रेस में होता है। इस बारे मे न तो युवक के फेमिली मेंं ही किसी को पता होता है और न ही दोस्तों को। एक दिन अचानक इसी स्ट्रेस के कारण युवक को दिल का दौरा पड़ता है और उसकी मौत हो जाती है। सब यही सोचते रहते हैं कि आखिर अचानक से हार्ट अटैक आया तो क्यों आया। यहां यह बताना जरूरी है कि हार्ट की नस की लेयर जिसे एंटिमा कहा जाता है वह दबाव के कारण फट जाती है तो यह कारण बनता है हार्ट अटैक का। यह दबाव आता है स्ट्रेस के कारण।

फैमिली

युवाओं के माता पिता में से अगर किसी को भी हार्ट की बीमारी है तो काफी चांसेज है कि युवा में भी यह बीमारी होगी। पैरेंट्रस के जीन का असर उनके बच्चों में भी देखने को मिलता है। यही कारण है कि युवाओं को अचानक से हार्ट अटैक (Heart Attack) आ जाता है। भले ही युवाओं को पहले किसी प्रकार की हार्ट प्राब्लम न रही हो।

लाइफ स्टाइल

लाइफ स्टाइल का असर हमारी हार्ट की बीमारी और हार्ट अटैक में पड़ता है। आज की जीवनशैली पहले की अपेक्षा काफी बदल गई है। अब युवाओं की फिजिकल एक्टिविटी भी कम हुई ही है। युवाओं को अधिकतर समय बैठ कर काम करना पड़ता है। काम चाहे पढ़ाई हो या ऑफिस का। अधिकतर समय बैठे रहने से बॉडी में कोलेस्ट्राल बढ़ जाता है, यह कारण बनता है हार्ट अटैक का।

जंक फूड (Junk Food)

युवाओं में जंक फूड खाने की आदत पिछले कई वर्षों में काफी तेजी के साथ बढ़ी है। पिज्जा, बर्गर, चाउमीन, मोमोज, पैकेट फूड आदि का अधिक मात्रा में इस्तेमाल बॉडी में कोलेस्ट्राल लेबल को बढ़ाने का काम करता है। जिसके कारण व्यक्ति मोटा हो जाता है। एक दिन जंक फूड की आदत हार्ट की बीमारी का कारण बन जाती है। कई बार तो बॉडी में जमा कोलेस्ट्राल के कारण युवाओं को हार्ट अटैक (Heart Attack) आता है और उसकी मौत हो जाती है।

स्मोकिंग (Smoking)

स्मोकिंग करने से नसों में टार जमा हो जाता है। जिससे हार्ट की बीमारी होती है। इसीलिए चिकित्सक स्मोकिंग बंद करने की सलाह मरीजों को देते हैं।

बचाव के तरीके (Ways to avoid heart attack)

एक्सरसाइज (Workout) – एक्सरसाइज के कारण व्यक्ति को हार्ट की बीमारी और हार्ट अटैक (Heart Attack) आने का खतरा कम हो जाता है। क्योंकि जब आप फिजिकल एक्टिविटी करते हुए हुए एक्सरसाइज करते हैं तो बॉडी का कोलेस्ट्राल कम होता चला जाता है। जिससे हार्ट की बीमारी नहीं होती। यहां यह बताना जरूरी है कि फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज दोनों ही अलग होते हैं। शारीरिक रूप से सक्रिय रहना फिजिकल एक्टिविटी होता है।

डांसिंग (Dancing)- डांस करना सबको पसंद होता है। डांसिंग का एक फायदा यह होता है कि इससे हार्ट की बीमारी नहीं होती। इसीलिए जितना हो सके नाचिए।

मेडिटेशन और योगा (meditation and yoga) – मेडिटेशन और योगा से दिमांग शांत रहता है। अगर आप नियमित रूप से योगा और ध्यान करेंगे तो इससे आपको बहुत ही मानसिक षांति का अनुभव होगा। इसका फायदा यह होगा कि आपको स्ट्रेस नहीं होगा। जब आपको स्ट्रेस नहीं होगा तो हार्ट अटैक भी नहीं आएगा और हार्ट की बीमारी भी नहीं होगी। इसीलिए अगर हार्ट की बीमारी और हार्ट अटैक (Heart Attack) से बचना है तो योगा और मेडिटेशन को अपने जीवन में जगह दे।

वॉकिंग (Walking)- सुबह की सैर हार्ट के लिए बहुत ही हेल्दी होती है। सुबह के समय षुद्ध आक्सीजन के साथ जब ठंडी हवा चेहरे को छूती है तो उसका अलग आनंद होता है। वॉकिंग करने से हार्ट में पंपिंग सही तरीके से होती है। अगर नियमित तौर पर वॉकिंग की जाय तो हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।

युवा वर्ग भी चपेट में

एक समय ऐसा था जब 40 से 70 आयु वर्ग के लोगों में हार्ट की बीमारी और हार्ट अटैक (Heart Attack) आने का खतरा सर्वाधिक रहता था। अब तो एक 17 वर्श का किशोर हो या फिर 20 साल का युवा यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। अचानक से हार्ट अटैक भी आ सकता है। इसलिए अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो लाइफ स्टाइल में परिवर्तन कीजिए, स्ट्रेस मत लीजिए और अपने हार्ट का ध्यान रखिए।

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Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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