Teething Syndrome : बच्चों के दांत निकलने में अभिभावकों को रखा चाहिए विशेष ध्यान, जानिए कितनी होती है तकलीफ 

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Teething Syndrome : बच्चों के दांत निकलने में अभिभावकों को रखा चाहिए विशेष ध्यान, जानिए कितनी होती है तकलीफ 

Teething Syndrome : बच्चों के दांत निकलने में अभिभावकों को रखा चाहिए विशेष ध्यान, जानिए कितनी होती है तकलीफ

Teething Syndrome :समय के साथ बच्चों के दांत निकलना शुरू हो जाते हैं। दांत निकलने के दौरान बच्चों को काफी परेशानी होती है। क्योंकि बच्चों के दांत मसूड़ों से रास्ता बनाते हुए बाहर निकलते हैं। बच्चों के दांत निकलना कब शुरू होगा यह भी तय नहीं है। किसी बच्चे के दांत 6 माह में निकलना शुरू हो जाते हैं तो कई बच्चों के दांत एक साल में भी नहीं निकलते।

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Teething Syndrome : बच्चों के दांत निकलने में अभिभावकों को रखा चाहिए विशेष ध्यान, जानिए कितनी होती है तकलीफ 
Teething Syndrome : बच्चों के दांत निकलने में अभिभावकों को रखा चाहिए विशेष ध्यान, जानिए कितनी होती है तकलीफ

Teething Syndrome : यहां यह बताना जरूरी है कि सबसे पहले बच्चे के नीचे के सामने वाले दांत निकलना शुरू होते हैं। इन दांतो को इनसाइजर्स कहा जाता है। इसके बाद उपर के दांत आते हैं। पीछे के दांत सबसे अंत में निकलना शुरू होते हैं। बच्चों के पूरे दांत आने में दो से तीन साल तक का समय लग सकता है। बच्चे के दांत निकलने में हो रही परेशानी से परेशान पैरेंट्रस को चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए।

क्यों होता है दर्द 

Teething Syndrome : मसूड़ों से जब बच्चे का पहला दांत बाहर निकलता है तो बच्चे को दर्द होता है। दांत को मसूड़ों से बाहर निकलने में 3 से 5 दिन का समय लग सकता है। इस समय बच्चा कुछ चिड़चिड़ा भी हो जाता है। जब बच्चे के दांत निकलना शुरू होते हैं तो उसमें कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जिसमें गाल का लाल होना, ड्रिबलिंग, लाल मसूडे़, जो भी मिल जाए उससे मसूड़ों को चबाना, कान रगड़ना, हल्का बुखार शामिल है।

दर्द को कैसे करें कम 

Teething Syndrome : दांत निकलते समय बच्चे अक्सर चबाना पसंद करते हैं। इसलिए उन्हें चबाने के लिए कोई ठोस चीज दे। जैसे कि टीथिंग रिंग। यह बच्चों को काफी राहत प्रदान करती है। फिर भी अगर बच्चे को राहत नहीं मिलती तो चिकित्सक की सलाह के बाद बच्चे को दर्दनिवारक दवा दी जा सकती है। इसके अलावा अगर आपका बच्चा 6 माह या उससे अधिक है तो अपने बच्चे को चबाने के लिए स्वस्थ्य चीजें जैसे कि कच्चे फल या सब्जियां दे। दांत निकलते समय बच्चे को चबाने के लिए साफ व गीला कपड़ा भी दिया जा सकता है। यह कपड़ा एक टीथर्स की ही तरह काम करता है।

Teething Syndrome : जब बच्चे के दांत निकले तब किसी भी प्रकार के जैल का उपयोग नहीं करना चाहिए। जैल अन्य दर्द निवारक उपायों की तुलना में प्रभावी नहीं होते। कुछ जैल में बेंजोबैक नामक संभावित पदार्थ पाया जाता है जो कि अनुपयोगी होता है। दांत निकलते समय बच्चों को अगर ज्यादा दर्द होता है तो बच्चे दिन भर रोते रहते हैं। ऐसे में बच्चों के मसूढ़ों को उंगलियों से मसाज करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे को काफी आराम मिलता है। हल्की ठंडी चीजेंं मसूढ़ों में लगाने से बच्चों को राहत मिलती है। दांत निकलते समय बच्चों को तरल चीजें देनी चाहिए। मां अपने दूध को निकालकर बच्चे की बोतल में रख कर उसे ठंडा कर पिला सकती है।

पानी की कमी न होने दे

Teething Syndrome : दांत निकलते समय कई बार बच्चे को दस्त की समस्या भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में बच्चे में पानी की कमी न होने दे। इसलिए बच्चे को नारियल पानी देना चाहिए। जिससे बच्चे में पानी की कमी न होने पाए। इसके अलावा बच्चों को ओआरएस का घोल देना चाहिए। हालांकि ज्याद समस्या होने पर चिकित्सक से परामर्श लेकर ही उपचार करना चाहिए।

Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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