Teenage Mental Problem : किशोरावस्था में आखिर क्यों होती मानसिक समस्याएं, जानिए क्या है आखिर इसका ईलाज

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Teenage  Problem : किशोरावस्था में आखिर क्यों होती मानसिक समस्याएं, जानिए क्या है आखिर इसका ईलाज

Teenage Mental  Problem : किशोरावस्था में आखिर क्यों होती मानसिक समस्याएं, जानिए क्या है आखिर इसका ईलाज

Teenage  Problem : किशोरावस्था (Teenage) एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें इस उम्र से गुजर रहे किशोरों में कई शारीरिक और मानसिक (Teenage  mental Problem) बदलाव देखने को मिलते हैं। इस समय किशोरों में हो रहे बदलाव के कारण उन्हें कई मानसिक तनाव या यूं कहे कि चिंता, तनाव जैसे मानसिक विकारों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए इस उम्र के किशोरों को बहुत भावनात्मक सपोर्ट और केयर की जरूरत होती है।

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मनोविज्ञान की भाषा में इस उम्र को तूफान की अवस्था कहा जाता है। क्योंकि इस उम्र के लोगों को रोक-टोक पसंद नहीं होता। उन्हें वह वही करना चाहते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है। इसी उम्र में विपरीत लिंग के प्रति अट्रैक्शन  भी देखने को मिलता है। अगर आपने बच्चे को समझाने की बजाय उन्हें डांटने या मारा तो उन्हें मानसिक तनाव (Teenage  Problem) का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए इस उम्र के बच्चों को बहुत ही प्यार से समझाना चाहिए। उन्हें यह बताना चाहिए कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत। ऐसे में आप मनोवैज्ञानिकों या काउंसलर की सलाह ले सकते हैं।

डिप्रेशन (Depression )

Teenage  mental Problem : इस उम्र के बच्चे कई बार डिप्रेशन में चले जाते हैं। देखने में आया है कि कई बार बच्चे पारिवारिक या सामाजिक दबाव के कारण अपने मन में चल रहे विचारों के तूफान को किसी के साथ साझा नही ंकर पाते। मन ही मन वह अपने विचारों के जाल में डूबे रहते हैं। जिसके कारण वह डिप्रेशन (Teenage  mental Problem depression ) का शिकार हो जाते हैं।

आत्मविश्वास में कमी

Lack Of Confidence In Teenage :  देखने में आया है कि जब बचपन की अवस्था को पूरी करने के बाद बच्चा किशोरावस्था में प्रवेश करता है तो कई बार पुराने अनुभवों के कारण उसमें आत्मविश्वास की कमी होती है। वह कोई भी काम करेगा उसमें संदेह देखेगा। उसे लगेगा कि वह जो काम कर रहा है वह सही है या नहीं। कहीं वह असफल हो गया तो लोग क्या कहेंगे।

सोशल मीडिया है खतरा

Social Media Problem : आज के समय में किशारों के लिए सबसे बड़ा अगर कोई खतरा है तो वह है सोशल मीडिया। इसके माध्यम से किशोर समय के पहले ही वह सभी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं जिसकी जानकारी एक समय के बाद ही उन्हें होनी चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकतर मामलो में किशोरों को सोशल मीडिया के माध्यम से गलत जानकारी ही मिलती है। कई बार यही सोशल मीडिया किशोरों को मानसिक विकार (teenage mental problem) का एक कारण बनता है। देखने में आया है कि कई किशोर तो अपना कीमती समय सोशल मीडिया में वीडियो गेम खेलने में ही बिता देते हैं।

 परिवार का साथ है जरुरी

Being With Family Is Important : किशोरावस्था में होने वाली मानसिक समस्याओं से अगर आप अपने बच्चे को बचाना चाहते हैं तो आपको अपने बच्चे के व्यवहार में नजर रखनी होगी। आपको देखना होगा कि अचानक से आपके बच्चे के व्यवहार में क्या परिवर्तन देखने को आ रहा है। अगर आपको ऐसा लगे कि आपका बच्चा किसी परेशानी में है तो आपको अपने बच्चे के साथ एक सकरात्मक माहौल के साथ बात करनी चाहिए। इससे काफी मदद मिलती है।

उदाहरण से समझाए

Understand With Example : आपको अपने बच्चे को कई उदाहरणों के माध्यम से यह समझाना चाहिए कि किशोरावस्था में की गई गलतियां कई बार उनके लिए किस प्रकार से उनके लिए समस्या बन सकती है। बच्चे को समझाएं न कि उसे डराएं।

थेरेपी

Teenage  mental Problem मनोवैज्ञानिकों द्वारा संज्ञानात्मक थेरेपी (Cognitive Therepy ) के माध्यम से किशोरों के मानसिक समस्याओं का उपचार किया जाता है। यह कारगर भी है। अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो आप मनोवैज्ञानिकों की मदद ले सकते हैं।

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Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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