Raising children : बच्चों की परवरिश करना नहीं है आसान, जानिए किस तरह से बन सकते हैं बेस्ट पैरेंट्स

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Raising children : बच्चों की परवरिश करना नहीं है आसान, जानिए किस तरह से बन सकते हैं बेस्ट पैरेंट्स

Raising children : बच्चों की परवरिश करना नहीं है आसान, जानिए किस तरह से बन सकते हैं बेस्ट पैरेंट्स

किसी भी घर में बच्चे का जन्म होते ही पति-पत्नी को एक नया रिश्ता मिल जाता है और वह है पैरेंट्स का। इसमें होता यह है कि माता-पिता को एक बच्चे के जन्म के साथ ही उसकी परवरिश की भी नई जिम्मेदारी मिल जाती है। जो भी नए माता-पिता पैरेंट्स बने हैं उन्हें यह पता ही होगा कि बच्चो की परवरिश (Raising children ) करना आसान काम नहीं है। कोई भी बच्चा बड़ा होकर क्या बनेगा इसका निर्धारण बहुत कुछ माता-पिता की परवरिश पर ही निर्भर करता है। इसीलिए माता-पिता को अपने बच्चों की परवरिश पर बहुत ही अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है।

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देखने में आया है कि बहुत से माता-पिता यह सोचते हैं कि अभी उनके पास और उनके बच्चे के पास बहुत अधिक समय है। हम समय आने पर बच्चों को सही-गलत और क्या जीवन में करना चाहिए क्या नह इसके बारे में बताएंगे। ऐसा करते हुए कब समय आपके हांथो से निकल जाएगा पता ही नहीं चल पाएगा। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से यह बताएंगे कि किस प्रकार से आप अपने बच्चों को बेस्ट परवरिश देकर बेस्ट पैरेंट्स बन सकते हैं।

दूसरों से न करें तुलना (dont compare yourself with others)

Raising children : माता-पिता की एक गलती होती है कि वह अपने बच्चे को समझाने के लिए हमेशा ही दूसरे बच्चों का उदाहरण देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। दूसरों से तुलना करने पर बच्चे अपने आपकों कमजोर मानने लगते हैं और उनमें आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। इसीलिए पैरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों के कार्यां की तारीफ करें, उत्साहवर्धन करें। इससे यह होगा कि बच्चे में किसी भी काम करने का आत्मविश्वास आ जाएगा। वह कार्यों को अपने से ही करने लगेगा।

अपने व्यवहार पर दें ध्यान (attention to your behaviour)

Raising children : बच्चों की नजर में अगर आप बेस्ट पैरेंट्स बनना चाहते हैं और यह चाहते हैं कि बच्चे का व्यवहार, बोल-चाल सही हो तो आपको अपने व्यवहार पर ध्यान देना होगा। यह तो आप जानते ही होंगे कि बच्चे हमेशा अपने पैरेंट्स से ही सीखते हैं। जैसे पैरेंट्स का व्यवहार होगा वैसे ही उनके बच्चों का। इसीलिए आपको ज्यादा तेज आवाज में बात नहीं करनी चाहिए और न ही गाली-गलौज देकर किसी से बात करनी चाहिए। आप इतना समझ लीजिए जैसा आप व्यवहार करेंगे आपक बच्चा भी वैसा ही व्यवहार करेगा।

अनुशासन है जरूरी (discipline is important)

Raising children : घर में डिसिपलिन जरूरी है। बच्चों को भी अनुशासन का महत्व समझाते हुए डिसिपलिन का पालन करने को कहना चाहिए। इससे बच्चे को काफी अनुशासन के महत्व के बारे में पता चलेगा। शुरूआत आप ऐसे कर सकते हैं कि जब होमवर्क पूरा हो जाएगा तब बच्चा खेलने जा सकता है। टीवी तब तक चालू नहीं की जाएगी जब तक कोई चैप्टर बच्चा याद नही कर लेता। कुछ न कुछ डिसिपलिन घर में बना कर रखें।

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Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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