Pimples ने किया परेशान, जानिए क्यों आते हैं मुहासे, क्या है ईलाज
चेहरे में मुंहासे (pimples) आना एक आम समस्या है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति में हो सकती है। अगर सबसे अधिक युवा वर्ग में मुहांसो की समस्या देखने को मिलती है। यह त्वचा संबंधी एक समस्या है। त्वचा की कोशिकाओं के फैलाव में कमी होने और साथ ही त्वचा से निकलने वाले ऑयल का उत्पादन जब बढ़ जाता है तब मुंहासों की समस्या देखने को मिलती है।
इसमें होता यह है कि स्किल सेल्स ब्लॉक हो जाता है, जिससे ऑयल आंगे नहीं बढ़ पाता और वहीं रूक जाता है। जिन व्यक्तियों की स्किन ऑयली होती है उनमें मुहासों की समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। व्यक्ति के स्किन के भीतर तेल बनाने वाली ग्रंथियों और बालों के रोम में जब सूजन आती है तक यह समस्या देखने को मिलती है।
क्या है लक्षण
मुंहासे (pimples) चेहरे के उस हिस्से को सबसे अधिक अपना असर छोड़ते हैं जहां तेल ग्रंथिया अधिकता के साथ सक्रिय रहती है। स्किन में मवाद मवाद के छोटे-छोटे थक्के का बनना मुंहासों की पहचान है। शरीर के चेहरा, गर्दन, कंधे, पीठ का उपर का भाग और छाती में मुंहासों की समस्या अधिक देखने को मिलती है।
मुहासों का प्रकार
मुहासों (pimples) के कई प्रकार होते हैं। यहां हम आपको मुहासों के प्रकार के बारे में बताने जा रहे हैं। मुहासों के कई प्रकार में से प्रमुख प्रकार के बारे में विस्तार से आलेख में बताया गया है।
1 ब्लैकहेड्रस : इसमें होता यह है कि त्वचा में मौजूद ब्लैकहेड्रस नाम के अनुरूप ही काले रंग के होते हैं। मृत त्वचा कोशिकाओं और अतिरिक्त ऑयल के कारण स्किन पोर्स खुल जाते है। इन पोर्स में मौजूद आयल, हवा के संपर्क में आने की वजह से काले पड़ जाते हैं।
2 व्हाइटहेड्रसः डेड स्किन सेल्स और ऑयल से पोर्स बंद होने के कारण व्हाइटहेड्रस सेल्स मुहासों की समस्या देखने को मिलती है।
3 pimples: पिंपल्स में होता यह है कि इसमें छोटे-छोटे लाल थक्के प्रभावित व्यक्ति की स्किन में एक सफेद बिंदू की तरह दिखाई देते हैं। पिंपल्स में मवाद की समस्या सबसे अधिक होती है।
4 गांठः इस प्रकार के स्किन की समस्या में होता यह है कि मुंहासे स्किन की गहराई में छिपे होते हैं। जिसके कारण यह काफी ठोस होते हैं।
5 सिस्ट : मवाद से भरी गांठ सिस्ट कहलाती है। सिस्ट मुहासों का सबसे गंभीर रूप माना जाता है। इससे प्रभावित व्यक्ति की स्किन में स्थायी निशान आ सकते हैं।
कैसे करें बचाव
शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के कारण होने वाले मुहांसो (pimples) को रोकना कठिन है। कुछ बचाव के तरीके अपना कर आप मुंहासों के बढ़ने की संभावना को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। जैसे कि आप अपने चेहरे को कुनकुने पानी से धोएं और चेहरे को प्रतिदिन मॉइल्ड फेस क्लींजर करे। मॉइश्चराइजर का उपयोग भी राहत प्रदान करता है। चेहरे को छूना भी नुकसानदायक हो सकता है। मेकअप न करे, अगर करना मजबूरी हो तो रात के समय मेकअप को हटा दे।
ईलाज
मुहासां (pimples) के प्रकार, स्थान, उम्र, पुरानी क्लीनिकल हिस्ट्री के आधार पर चिकित्सक मरीज का उपचार करता है। चिकित्सक मरीज का ईलाज करने के लिए कई एंटीबैक्टीरियल दवा देता है। इससे मरीज को काफी फायदा होता है। दिन में कम से कम दो बार मुंह धोए। पसीना आने पर उसे साफ कर ले। त्वचा को न रगडे, जिन लोगों के बाल ऑयली हैं तो उन्हें नियमित रूप से षैंपू करे। मुहासों में अगर दवाई लगाई है तो धूप में न निकलें। मुंसासों को दबाने या फोड़ने से बचे। पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने पर त्वचा संवेदनशील हो जाती है, जिससे नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।