Heart Disease In Children And Teen : 10 से 15 वर्ष के बच्चों में बढ़ रही दिल की बीमारी, जानिए क्या है इसका कारण और ईलाज

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Heart Disease In Children And Teen : 10 से 15 वर्ष के बच्चों में बढ़ रही दिल की बीमारी, जानिए क्या है इसका कारण और ईलाज

Heart Disease In Children And Teen : 10 से 15 वर्ष के बच्चों में बढ़ रही दिल की बीमारी, जानिए क्या है इसका कारण और ईलाज

Heart Disease In Children And Teen : एक समय वह था जब दिल की बीमारी या हार्ट अटैक की घटनाएं बुजुर्गों में अधिकतर देखने को मिलती थी। पिछले कुछ सालों में युवा वर्ग इस बीमारी की चपेट में आ रहा है। लेकिन अब जो आंकडे निकल कर सामने आ रहे हैं उसके अनुसार 10 से 15 वर्ष के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ये मामले अभी कुछ सालों में ही देखने में आ रहे हैं।

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विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सालों में यह आंकडे और तेजी के साथ बढेंगे। पिछले कुछ वर्षों में कम उम्र के बच्चों में हार्ट से संबंधित बीमारियों ने अभिभावकों को परेशान करके रख दिया है। बीते वर्षों में हार्ट की बीमारी से पीड़ित कम उम्र के बच्चों की संख्या में 18 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।

क्या है कारण

Heart Disease In Children And Teen : विशेषज्ञों की माने तो बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी काफी कम गई है। आज के बच्चे अपना अधिकतर समय मोबाइल, टीवी में बिताते हैं। अगर उनको पढ़ाई भी करनी है तो वह मोबाइल या स्क्रीन में ही पढ़ाई करेंगे। बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी काफी कम गई है, वह ग्राउण्ड में कम और घर के अंदर कमरे में मोबाइल से चिपके हुए अधिक दिखाई देते हैं।

बच्चे मोबाइल के चक्कर में बाहर खेलना पसंद ही नहीं करते। माता-पिता भी अपने बच्चे को बाहर खेलने भेजते भी नहीं है। उन्हें लगता है कि बाहर उनका बेटा खेलने जाएगा तो कहीं बिगड़ न जाए। फिजिकल एक्टिविटी का कम होना बच्चों के हृदय को प्रभावित करता है। इससे बच्चों का हृदय कमजोर हो जाता है। समय के साथ बच्चों में दिल की बीमारी अपना घर बना लेती है।

बचाव के तरीके

Heart Disease In Children And Teen : अगर कम उम्र के बच्चों को हृदय मजबूत करना है तो उन्हें ऐसी फिजिकल एक्टिविटी करनी होगी जिससे उनका हृदय मजबूत हो। ऐसे खेल खेलने होंगे जिससे उनकी हृदय धड़कन में गति आए। भाग-दौड़ वाली एक्टिविटी ज्यादा से ज्यादा करनी होगी। क्रिकेट, फुटबाल, रनिंग, बैडमिंटन आदि खेल खेलने होंगे। इससे बच्चों का हृदय तो मजबूत होगा ही साथ ही उनका ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहेगा।

Heart Disease In Children And Teen : केवल किशोर उम्र के बच्चे ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोगों को फिजिकल एक्टिव रहना होगा। हृदय की मजबूती के लिए यह अनिवार्य भी है। अगर आपकी फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा रहेगी तो आपको दिल की बीमारी होने का खतरा कम होता चला जाएगा। व्यायाम, प्राणायाम, योगासन भी दिल की बीमारी को दूर रखने में कारगर है।

ध्यान रखने की बातें

Heart Disease In Children And Teen : अचानक से अगर आपने फिजिकल एक्टिविटी जैसे कि रनिंग, आउटडोर गेम आदि करना शुरू कर दिया है तो इसकी शुरूआत धीरे से करें। क्योंकि पहले दिन शुरूआत करने पर आपको थकान जल्दी लग जाएगी हो सकता है दिल में दर्द भी हो। इसलिए नियमित तौर पर धीरे-धीरे फिजिकल एक्टिविटी करें। हो सके तो मोबाइल और स्क्रीन पर कम समय बिताएं। सीढ़ी चढ़ने या वॉकिंग से भी दिल को स्वस्थ्य रखा जा सकता है।

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Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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