Climate Change and Viruses : मौसम परिवर्तन के साथ ही बढ़ती है सर्दी, जुकाम और डेंगू के मरीजों की संख्या, जानिए क्या है कारण और ईलाज

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Climate Change and Viruses : मौसम परिवर्तन के साथ ही बढ़ती है सर्दी, जुकाम और डेंगू के मरीजों की संख्या, जानिए क्या है कारण और ईलाज

Climate Change and Viruses : मौसम परिवर्तन के साथ ही बढ़ती है सर्दी, जुकाम और डेंगू के मरीजों की संख्या, जानिए क्या है कारण और ईलाज

Climate Change and Viruses : बारिश समाप्त होते ही मौसम परिवर्तन शुरू हो गया है। वातावरण में हल्की ठंडक भी देखने को मिल रही है। इस परिवर्तन के साथ ही बीमारियों ने भी लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। सर्दी, जुकाम, खांसी के साथ ही डेंगू की बीमारी ने लोगों के घरों में दस्तक देना शुरू कर दिया है। इस बीमारी की चपेट में न केवल बच्चे हैं, बल्कि हर आयु वर्ग के लोग इस बीमारी ने प्रभावित किया है।

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संजय गांधी अस्पताल रीवा के मेडिसिन विभाग में पदस्थ डा. राकेश पटेल (SGMH Rewa Dr. Rakesh Patel) ने हमें डेंगू की बीमारी के बारे में बताया। चिकित्सक द्वारा इस बीमारी के लक्षण और उपचार के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया कि अगर सावधानी बरती जाय तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।

Climate Change and Viruses : मौसम परिवर्तन के साथ ही बढ़ती है सर्दी, जुकाम और डेंगू के मरीजों की संख्या, जानिए क्या है कारण और ईलाज
Climate Change and Viruses : मौसम परिवर्तन के साथ ही बढ़ती है सर्दी, जुकाम और डेंगू के मरीजों की संख्या, जानिए क्या है कारण और ईलाज

क्या है कारण

Climate Change and Viruses : मौसम में जब बदलाव होता है तो सर्दी, जुकाम का होना तो नार्मल है। कई बार यह अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार यह लक्षण बड़ी बीमारी का संकेत होती है। विशेशज्ञों की माने तो डेंगू की बीमारी मच्छरों के काटने के कारण होती है। इस समय घरों में दीपावली के कारण साफ सफाई की जा रही है। यही कारण है कि मच्छरों की सक्रियता काफी तेजी के साथ बढ़ी है और मच्छर एक स्थान से दूसरे स्थान में तेजी से जा रहे हैं। जिसके कारण इस बीमारी का खतरा भी बढ़ा है।

बन जाती है ब्लीडिंग की स्थिति

Climate Change and Viruses : डेंगू के मच्छरों के काटने के बाद इस बीमारी के लक्षण सामने आने में दस दिन का समय लग जाता है। मच्छर के काटने के बाद वायरस के डेंगू की बीमारी होती है। डेंगू बीमारी के तीन चरणों में लक्षण सामने आते हैं। षुरूआत में तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों-जोड़ां में दर्द, थकान-कमजोरी देखने को मिलती है।

दूसरे चरण में स्किन में लाल चकत्ते पड़ जाते हैं और मुंह और नाक से ब्लीडिंग की समस्या देखने को मिलती है। यह गंभीर स्थिति होती है। तीसरा चरण जानलेवा स्थिति पैदा कर देता है। तीसरे चरण के लक्षण में मरीज का ब्लड प्रेशर लो हो जाता है, जिससे जान जाने का खतरा बन जाता है। इसीलिए अगर डेंगू बीमारी के लक्षण देखने को मिले तो मरीज को तुरंत चिकित्सक से परामर्श कर अपना ईलाज कराना चाहिए।

बचाव के तरीके

Climate Change and Viruses : डेंगू की बीमारी न हो इसके लिए कुछ सावधानियां जरूरी है। अगर व्यक्ति सावधानी पर ध्यान तो तो वह न सिर्फ डेंगू की बीमारी से बच सकता है। बल्कि अन्य बीमारियों से भी वह अपना बचाव कर सकता है।

Climate Change and Viruses : मौसम परिवर्तन के साथ ही बढ़ती है सर्दी, जुकाम और डेंगू के मरीजों की संख्या, जानिए क्या है कारण और ईलाज
Climate Change and Viruses : मौसम परिवर्तन के साथ ही बढ़ती है सर्दी, जुकाम और डेंगू के मरीजों की संख्या, जानिए क्या है कारण और ईलाज

1. डेंगू की बीमारी मच्छरों के कारण होती है। मच्छर रूके हुए पानी में ठहरते हैं। इसीलिए अपने घर के आसपास पानी को न ठहरने दे। कूलर और फूलदान ऐसा स्थान है जहां पानी रूका रहता है। इसीलिए इन स्थानों में जमा पानी को निकाल देना चाहिए।

2. पानी की टंकी एक ऐसा स्थान होता है जहां मच्छरों के अंडे पनपने की संभावना सबसे अधिक रहती है। इससे बचने के लिए नियमित तौर पर पानी की टंकी की सफाई करनी चाहिए।

3. सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। जिससे मच्छर आपके संपर्क में न आ सकें।

4. कई बार घर के बाहर जमा पानी के कारण मच्छर घर में घुस आते हैं। इससे बचने के लिए खिड़कियों और दरवाजों में मच्छरदानी लगाना चाहिए।

5. घर के समीप उगी झाड़ियों और घास को काटते रहना चाहिए। मच्छरों के छिपने का यह सबसे उपयुक्त स्थान होता है।

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Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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