Causes and treatment of uterine cancer : अनियमित माहवारी हो सकती है बच्चेदानी के कैंसर का संकेत, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
Causes and treatment of uterine cancer : बहुत सी महिलाओं को अनियमित माहवारी की शिकायत रहती है। महिलाएं इसे सामान्य समझकर इसका ईलाज नहीं कराती या चिकित्सक के पास नहीं जाती। अगर कुछ ज्यादा परेशानी हुई तो मेडिकल दुकान में जाकर खुद से ही दवाई ले लेती है। जिससे महिलाओं को आराम तो मिलता नहीं परेशनी और बढ़ जाती है। देखने में आया है कि कई बार अनियमित माहवारी की समस्या बच्चेदानी के कैंसर का संकेत हो सकती है। जरूरी नहीं है कि जिन महिलाओं को अनियमित माहवारी हो उन्हें बच्चेदानी का कैंसर ही हो।
इसके कुछ और कारण भी हो सकते हैं। लेकिन बच्चेदानी के कैंसर के लक्षणों में से एक लक्षण अनियमित माहवारी का होना भी होता है। इसीलिए अगर सामान्य ईलाज के बाद भी महिलाओं की माहवारी सही से नही हो रही है तो उन्हें चिकित्सक को दिखाना चाहिए। जिससे यह पता हो जाएगा कि आखिर अनियमित माहवारी का कारण क्या है। आज हम इस लेख के माध्यम से बच्चेदानी के कैंसर के बारे में बताएंगे। नेशनल हॉस्पिटल रीवा मप्र के संचालक डा. अखिलेश पटेल द्वारा हमें बच्चेदानी के कैंसर के कारणों और उपचार के बारे में विस्तार से बताया गया।
अधिकतर महिलाएं 40 से अधिक की
Causes and treatment of uterine cancer : बच्चेदानी के कैंसर को गर्भाशय के कैंसर या यूरेटाइन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। बच्चेदानी का कैंसर तो वैसे किसी उम्र में हो सकता है। लेकिन 90 प्रतिशत मामलों में 40 से अधिक की उम्र की महिलाओं को यह समस्या अधिकतर देखने को मिलती है। युवतियां या किशेरियों में बच्चेदानी के कैंसर होने की संभावना कम ही होती है। अस्पताल में इस बीमारी से प्रभावित होने वाली अधिकतर महिलाओं की उम्र 40 से अधिक है।
क्या है लक्षण
- बच्चेदानी का कैंसर जिन महिलाओं को होता है उन्हें अनियमित माहवारी की शिकायत होती है। इसके अलावा इन महिलाओ में बीमारी बढ़ने के साथ ही मवाद भी बनने लगता है।
- रक्त में अगर थक्के बनने लगे तो महिलाओ को सतर्क हो जाना चाहिए। यह बच्चेदानी के कैंसर का दूसरा प्रमुख लक्षण है।
- अप्रत्याशित रूप से महिला का वजन कम होने लगता है।
- कई बार पेट के नीचे असहनीय दर्द होने की समस्या भी देखने को मिलती है।
- लंबे समय तक ब्लीडिंग होती रहती है।
क्यों होता है बच्चेदानी का कैंसर
Causes and treatment of uterine cancer : बच्चे दानी के कैंसर के पीछे का अहम कारण चिकित्सकों के अनुसार जेनेटिक होता है। महिलाओं के डीएनए की की कोशिकाओं में बदलाव होने पर यह कैंसर होता है। इसके अलावा अन्य कारणों से भी इसके होने की संभावना बनी रहती है। बच्चेदानी की कोशिकाओं में बदलाव की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। इसमें होता यह है कि कोशिकाएं बढ़ने लगती है। जिसके कारण पहले तो गर्भाशय में ट्रयूमर बनता है, भविष्य में यही ट्रयूमर कैंसर का कारण बनता है।
क्या है उपचार
Causes and treatment of uterine cancer : अगर समय पर यानि कि बच्चेदानी के कैंसर होने के पहले और दूसरे स्टेज में ही इसका पता चल जाय तो मरीज के ठीक होने की संभावना 80 प्रतिशत तक होती है। आपरेशन के माध्यम से चिकित्सक गांठ को निकाल देते हैं। जिससे बच्चेदानी का कैंसर ठीक हो जाता है। अगर किसी कारण से समय पर कैंसर की पुष्टि नहीं हो पाती और बीमारी प्रथम और दूसरे चरण को पार कर लेती है तब आपरेशन नहीं किया जाता। तब चिकित्सकों के पास केवल सिंकाई ही ईलाज बचता है। इसी के माध्यम से चिकित्सक महिला का उपचार करते हैं।
समय पर नहीं कराती जांच
Causes and treatment of uterine cancer : महिलाओं को जब अनियमित माहवारी, दर्द या अन्य शिकायतें होती है तो महिलाएं चिकित्सक को दिखाने के बजाय खुद ही अपना ईलाज पुराने तरीकों से करने का प्रयास करती है। अगर महिला को कैंसर नहीं है तब तो ठीक है, लेकिन अगर कैंसर है तो ये महिला द्वारा किए गए उपचार किसी काम नहीं आएंगे। इसीलिए अगर महिला को ऐसी किसी भी प्रकार की समस्या हो तो उसे चाहिए कि वह चिकित्सक के पास जाए और अपनी जांच और उपचार कराए। लेकिन कई बार षर्म और संकोच के कारण महिला ऐसा नहीं कर पाती। जिससे बीमारी तेजी के साथ बढ़ती जाती है।