Baby teeth care :  दूध के दांत निकलने में आपके मासूम को नहीं होगी परेशानी, अगर रखा इन बातों का ध्यान

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Baby teeth care :  दूध के दांत निकलने में आपके मासूम को नहीं होगी परेशानी, अगर रखा इन बातों का ध्यान

Baby teeth care :  दूध के दांत निकलने में आपके मासूम को नहीं होगी परेशानी, अगर रखा इन बातों का ध्यान, क्या कहते हैं चिकित्सक

Baby teeth care : बच्चों के दूध के दांत निकलने का इंतजार माता-पिता के साथ ही परिजन भी करते हैं। जब बच्चों के मसूढ़ों से दूध के दांत निकलना षुरू होते हैं, तो माता-पिता को बहुत खुशी होती है। बच्चों के दूध के दांत सही तरीके से निकले और बच्चों को किसी प्रकार परेशानी न हो यह जिम्मेदारी माता-पिता की होती है कि वह बच्चों की केयर बहुत सावधानी से करे। माता पिता को कुछ ऐसी जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे जब उनके मासूम के दांत निकले तो उसे किसी प्रकार की परेशानी न हो और बच्चों के दूध के दांत सही तरीके से निकले।

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Baby teeth care : यहां यह बताना जरूरी होता है कि 6 माह से 2.5 वर्ष तक बच्चों के दूध के दांत निकलते हैं। इस बीच 20 की संख्या में दूध के दांत शिशु के निकलते हैं। जिला चिकित्सालय रीवा मप्र में दंत चिकित्सक के पद पर पदस्थ डा. विकास सिंह ने शिशु के दांतो की देखभाल (baby teeth care)के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दूध के दांत निकलने की अवधि के दौरान किस प्रकार की सावधानियां रखनी चाहिए।

मसूढ़ों की सफाई

Baby teeth care :  चिकित्सक की माने तो बच्चां के मसूढ़ों की सफाई न किए जाने से ही सभी समस्या की शुरूआत होती है। बच्चे छोटे होते हैं और दांत होते नहीं हैं तो ऐसे में बच्चों के मसूढ़ों की सफाई कैसे की जाय, ब्रश से तो सफाई कर नहीं सकते। इसके बारे में डा. विकास का कहना है कि मसूढ़ों की सफाई करना बहुत ही जरूरी होता है। इसका सबसे आसान तरीका यह है कि साफ कपडे़ या रूई से बच्चों के मसूढ़ों को साफ करना चाहिए। दूध पीने के बाद, बच्चों के मसूढ़ों की सफाई करने से शिशु को परेशानी नहीं होती। शिशु के दांतो की देखभाल (baby teeth care) के लिए यह जरूरी है।

गुड़ और शक्कर

Baby teeth care : कई लोग ऐसे होते हैं जो कि अपने बच्चों को बाहर के दूध में गुड़ या शक्कर मिला कर पिलाते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। लोगों का मानना होता है कि गुड़ और शक्कर से बच्चों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता। लेकिन यह गलत धारणा है। गुड़ हो या शकर बच्चों को यह नहीं देना चाहिए। ज्यादा लंबी अवधि तक गुड़ और शक्कर देने से बच्चों में कई तरह के नुकसान देखने को मिल सकती है। अगर किसी प्रकार की समस्या देखने को मिले तो बच्चों को तुरंत चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

बेबी बॉटल

Baby teeth care : कई लोग बेबी बॉटल में अपने बच्चों को दूध देते हैं। लेकिन यह बच्चों के लिए नुकसानदायक होता है। अगर बाहर का दूध देना ही है तो चम्मच से बच्चों को दूध दिया जा सकता है। लेकिन बेबी बॉटल से नहीं। एक तो इसमें प्लास्टिक लगी रहती है, अगर सही तरीके से इसकी सफाई न की जाय तो इससे बच्चों को नुकसान होने का डर बना रहता है।

रूक जाता है जबड़ों का विकास

Baby teeth care : अगर उक्त बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो बच्चों के जबड़ों का विकास सही तरीके से नहीं होता। जब सही तरीके से जबड़ों का विकास नहीं होता तो दांत सही समय पर नहीं आते या फिर अगर आते भी हैं तो आडे़ तिरछे आते हैं। दूध का दांत जबड़े को बढ़ाने का काम करता है। परमानेंट दांतो को यह रास्ता देता है। जब जबड़ों का विकास होगा नहीं तो किसी न किसी प्रकार की परेशानी बनी ही रहेगी।

हो जाते हैं काले

Baby teeth care : अगर बच्चों के मसूढ़ों का या साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा गया तो बच्चों के जो दांत आते हैं वे आडे़ तिरछे तो होते ही हैं साथ ही वे काले भी होते हैं। काफी प्रयास के बाद भी बच्चों के दांतो का कालापन नहीं जाता।

कब और कौन सा पेस्ट करें इस्तेमाल

Baby teeth care : जब बच्चा ढाई वर्ष का हो जाय और उसके मसूढ़ों से दांत निकलने लगे तो उसे ब्रश कराया जाना सही रहता है। बच्चों को बहुत ही मुलायम ब्रश देना चाहिए। सबसे जरूरी बात यह है कि इस उम्र में बच्चों को लो फलोराइड वाला पेस्ट देना चाहिए। यह पेस्ट बच्चों के लिए ठीक रहता है। कम फलोराइड वाले पेस्ट बच्चों के लिए सही रहते है।

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Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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