Monkeypox के लक्षण और उपचार, सरकार को भी जारी करनी पड़ी एडवायजरी
Monkeypox : देश से कोरोना वायरस का डर लोगों के मन से उतर ही रहा था कि अब एक नई बीमारी लोगों को डराने मेंलगी है। हालांकि देश में अभी इस बीमारी का असर नहीं है। लेकिन सतर्कता जरूरी है। हम जिस बीमारी की बात कर रहे हैं वह है मंकीपॉक्स। आपने इस बीमारी के बारे में या तो सुना होगा या फिर कहीं पढ़ा जरूर होगा। सरकार ने इस बीमारी को रोकने के लिए एडवायजरी जारी कर दी है।
यही कारण है कि एयरपोर्ट और अस्पताल में सतर्कता के साथ ऐसे लोगों की जांच की जाती है, जिसमें इस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं। इस बीमारी का असर प्रभावी रूप से अभी हमारे देश में नहीं है। लेकिन आने वाले समय में क्या होगा किसे पता। इसीलिए सरकार ने सतर्कता बरतते हुए जिम्मेदारों को एलर्ट रहने का निर्देश दिया है। इस बीमारी में शरीर में दाने आ जाते हैं, जो कि दिखने में छोटी चेचक की ही तरह होते हैं।
क्या है मंकीपॉक्स (What is the Monkeypox)
मंकीपॉक्स को एमपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी जानवरां से मनुष्यों में होती है। इस बीमारी से डरने की सबसे अहम वजह यह है कि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी जा सकती है। इसीलिए इसकी तुलना कुछ हद तक कोरोना से की जाती है। यह बीमारी व्यक्ति की त्वचा को सबसे अधिक प्रभावित करती है। बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में दाने निकल आते है। मांसपेशियों में दर्द और बुखार इसके सामान्य लक्षण है। अफ्रीकी देशो में एमपॉक्स से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी तेजी के साथ इजाफा देखने को मिला है।
क्या है एमपॉक्स का ईलाज (Monkeypox treatment)
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एमपाक्स (Mpox) बीमारी के ईलाज के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है। जिसके अनुसार बीमारी के ईलाज के लिए एंटीवायरल मेडिसिन दी जाती है। मरीज की बीमारी के आधार पर एंटीवायरल मेडिसिन दिए जाने का निर्देश है। इसके अलावा मांसपेशियों में दर्द, सिर में दर्द है तो ऐसे लक्षण होने पर चिकित्सक दर्द की दवाई मरीज को देता है। कुल मिला कर मरीज में दिखने वाले एमपॉक्स के लक्षणों को कम करने का प्रयास चिकित्सकों द्वारा उपचार के माध्यम से किया जाता है। इसमें मरीज को रिलीफ भी मिलता है।
वैक्सीन (Monkeypox Vaccine)
इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में अगर कोइ्र्र दूसरा व्यक्ति आता है तो चार दिन के अंदर उसे वैक्सीन दिया जाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर विशेष निर्देश दिए हैं। कई बार इसके लक्षण देरी से दिखाई देते हैं, ऐसे में 14 दिन के अंदर भी वैक्सीन लिया जा सकता है।
बच्चों पर रखें विशेष नजर (Child care and safe monkeypox)
इस बीमारी की चपेट में कोई भी आ सकता है। लेकिन बच्चों को विशेष तौर पर इससे बचाना चाहिए। अगर किसी भी प्रकार से इस बीमारी के लक्षण बच्चों में दिखाई दे तो तुरंत ही चिकित्सक से परामर्श कर ईलाज कराना चाहिए। क्योंकि लक्षणों के आधार पर ही इस बीमारी की पहचान होती है।