child Health Care : शाम होते ही बच्चों को आने लगता है बुखार, जानिए कारण और बचाव के तरीके
Child Health Care : मौसम में परिवर्तन के साथ ही बच्चों के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे बच्चे जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है वे अक्सर ज्यादा बीमार पड़ते हैं। कई बच्चे तो दिन भर ठीक रहते हैं, लेकिन जैसे ही शाम होती है उन्हें बुखार की शिकायत होने लगती है। शरीर तपने लगता है। किड्रस हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार इंफेक्शन की वजह से बच्चों को रात में बुखार आता है।
निमोनिया और यूरिनरी टै्रक्ट इंफेक्शन के कारण बच्चे रात में बीमार पड़ते हैं। रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के कारण भी बच्चे रात में बीमार होते हैं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि अगर आपके बच्चे का तापमान थर्मामीटर पर 38 डिग्री से अधिक आता है तो इसे बुखार माना जाता है।
कान, दांत और पेट की समस्या
Child Health Care : बच्चों में कान, दांत और पेट के इंफेक्शन के कारण भी बुखार आता है। विशेषज्ञों की माने तो कान में इंफेक्शन होने पर बच्चों
का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जिसके कारण इम्यून सिस्टम संक्रमण को कम करने के लिए कम प्रतिक्रिया करता है। जिससे बच्चों को बुखार आता है। विशेष रूप से यह बुखार रात के ही समय अधिकतर आता है। इसी प्रकार बच्चों के जब दांत निकलते हैं तो बच्चों को बुखार आता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टै्रक्ट में इंफेक्शन के कारण बच्चों को बुखार आता है। इस दौरान बच्चों को दस्त सहित पेट की कई बीमारियां हो सकती है। रात में बुखार आने का यह भी एक कारण है।
कैसे करें बचाव (How to safe)
- उम्र के अनुसार बच्चों को समय-समय पर टीके लगवाने चाहिए। बच्चों को कब कौन सा टीका लगेगा इसके लिए चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
- बच्चों को साफ-सफाई से रहने की आदत डलवानी चाहिए। खाना खाने के पहले बच्चों को अपने हांथ साबुन से अच्छे से धोना चाहिए।
- घर या आस-पास किसी को सर्दी, जुकाम, बुखार या अन्य बीमारी हो तो उनसे बच्वों को दूर रखना चाहिए।
- बच्चों के आहार में पौष्टिक तत्व शामिल करना चाहिए। बच्चों को ताजा और पौष्टिक खाना देना चाहिए। इससे बच्चों में संक्रमण की संभावना कम जाती है।
- लगातार बुखार आने पर बिना देर किए चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
कुछ बुखार अच्छे होते हैं
Child Health Care : ज्यादातर बुखार जो बच्चों को आते हैं उससे ज्यादा नुकसान नहीं होता। चिकित्सकों की माने तो कुछ बुखार बच्चों के सेहत के लिए फायदेमंद ही होते हैं। ऐसा माना जाता है कि बुखार आने पर बच्वे की प्रतिरक्षा प्रणाली काम कर रही है। कुछ चिकित्सक तो तब तक बच्चों को दवाईयों नहीं देते जब तक कि बच्चों को ज्यादा तकलीफ न हो। तुरंत ही बच्चों को बुखार की दवाईयां देने से चिकित्सक परहेज करते हैं।