Pregnancy health care : प्रेगनेंसी में मानसिक सेहत का भी रखें ध्यान, लापरवाही पड़ सकती है भारी

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Pregnancy health care : प्रेगनेंसी में मानसिक सेहत का भी रखें ध्यान, लापरवाही पड़ सकती है भारी

Pregnancy health care : प्रेगनेंसी में मानसिक सेहत का भी रखें ध्यान, लापरवाही पड़ सकती है भारी

pregnancy health care : प्रेगनेंसी के समय अक्सर महिला की सेहत के लिए उसके खानपान पर ध्यान दिया जाता है। यह जरूरी भी है। लेकिन अक्सर लोग भूल जाते हैं कि खानपान के साथ ही प्रेगनेंट महिला के मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। भले ही महिला बाहर से स्वस्थ्य दिखाई दे रही हो।अगर उसका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है, वह किसी प्रकार के तनाव, परेशानी या डिप्रेशन, चिंता से गुजर रही है तो इसका विपरीत असर महिला पर तो पड़ता ही है साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। इसलिए प्रेगनेंट महिला के मानसिक स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। एक शोध के अनुसार गर्भावस्था के दौरान 20 प्रतिशत महिलाएं मूड या किसी न किसी िंचंता विकार से परेशान रहती है।

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क्यों होता है मानसिक तनाव

pregnancy health care : प्रेगनेंसी के दौरान महिला में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रान हार्मोन बढ़ जाते हैं। इसका असर महिला में देखने को मिलता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण महिला में घबराहट, चिंता, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन आदि समस्याएं देखने को मिलती है। कार्टीसोल हार्मोन भी प्रेगनेंसी के समय काफी असंतुलित रहता है। जिससे महिलाओं में मानसिक तनाव की समस्या देखने को मिलती है। कई बार अगर मानसिक तनाव बढ़ जाता है तो महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।

Pregnancy health care : प्रेगनेंसी में मानसिक सेहत का भी रखें ध्यान, लापरवाही पड़ सकती है भारी
Pregnancy health care : प्रेगनेंसी में मानसिक सेहत का भी रखें ध्यान, लापरवाही पड़ सकती है भारी

बढ़ जाता है बीपी

pregnancy health care : विशेषज्ञों की माने तो तनाव का असर महिला में ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है। ऐसा देखने में आया है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के समय ज्यादा तनाव लेती हैं उनमें ब्लड प्रेशर की शिकायत काफी ज्यादा होती है। तनाव और उसके बाद उच्च रक्तचाप का असर गर्भ में पल रहे बच्चे में होता है। इससे बच्चे के समय से पहले जन्म लेने की जहां संभावना बढ़ जाती है वहीं बच्चे का वजन भी कम होता है। तनाव के कारण प्रीक्लेम्पसिया नामक बीमारी की स्थिति बन जाती है। इसलिए चिकित्सक महिलाओं को ज्यादा सोचने, तनाव लेने से बचने को कहते हैं।

आता है गुस्सा

Pregnancy health care : गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव देखने को मिलते हैं। जिसके कारण महिलाओं को ज्यादा गुस्सा आता है। इसका असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में परिवार का यह दायित्व होता है कि वह महिला का विशेष ध्यान रखे। प्यार से सिचुएशन को संभाले। जब महिला को गुस्सा आए तो वह उस पर चिल्लाए नहीं बल्कि बात करके महिला को समझाए।

शिशु की इम्यूनिटी पर पड़ता है असर

Pregnancy health care : हाल ही में हुए शोध से यह पता चला है कि गर्भस्थ महिला के मानसिक स्वास्थ्य का असर गर्भ में पल रहे शिशु के इम्यूनिटी पर पड़ता है। गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीने महिला और उसके बच्चे के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। शुरूआती तीन महीनों में जो महिलाएं डिप्रेशन से परेशान थी उनके बच्चों की इम्यूनिटी दूसरे बच्चों की तुलना में 50 प्रतिशत तक कम थी। यहां यह बताना जरूरी है कि इम्यून सिस्टम का काम शरीर को वायरस, बैक्टीरिया, कीटाणु और बीमारी से बचाने का काम करता है। स्ट्रांग इम्यूनिटी वाले लोग कम इम्यूनिटी वाले लोगों की तुलना में कम बीमारी पड़ते हैं। इसलिए अगर शिशु का इम्यून सिस्टम बेहतर करना है तो इस बात का हमेशा ध्यान रखना होगा कि शिशु की मां किसी प्रकार के मानसिक तनाव में न रहे और उसकी मानसिक स्थिति बेहतर हो।

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Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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